Menu
blogid : 19731 postid : 1092841

प्रधानमंत्री जी का स्वच्छता अभियान

reader blog
reader blog
  • 4 Posts
  • 1 Comment

कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री मोदी जी ने सवच्छता अभियान शुरू किया .प्रारम्भ के कुछ दिन तो सभी ने जोश दिखाया परन्तु फिर वही ढाक के तीन पात .सोचने का विषय ये है कि देश के प्रधानमंत्री को इस तरह की मुहीम क्यों चलानी पड़ी ? देश भर में इतने सफाई कर्मचारी है तो भी सफाई क्यों नहीं है ? परन्तु क्या कुछ सफाई कर्मचारियों के सफाई करने से सफाई बनी रह सकेगी? कुछ कर्मचारी तो ऐसे है जो अपने काम को बोझ समझते है और उनका मानना है कि जब थोड़ी देर में फिर से गन्दगी होने ही वाली है तो क्यों अपनी मेहनत बर्बाद कि जाए .पर कुछ ऐसे भी है जो सुबह तड़के ही आ कर पूरी गली, सड़क की पूरे मन तन से सफाई करते है .पर सफाई तो वहां भी नहीं रह पाती.क्यों ? शायद कमी हमारे अंदर ही है .हम अपने घरों की सफाई करेंगे और कचरा सड़क पर फेक देंगे .स्टेशन पर खड़े है ,कुछ खाया और कचरा वहीँ फेक देते है. ऐसा सिर्फ अनपढ़ ही नहीं बल्कि अच्छी पोस्ट पर कार्यरत लोग भी करते है.मेरे ख्याल से सफाई बनी रहे इसके लिए जरुरी है कि हम अपने बच्चों को ये सिखाए कि कचरा हमेशा कचरापात्र में ही डाले.यदि यह आदत उनकी हो जाती है तो निश्चित रूप से देश में सफाई बनी रह सकेगी .
.एक घटना आप सभी के साथ शेयर करना चाहती हूँ .मेरी ५ साल की बेटी है.घर पर उससे यही कहा जाता है कि टॉफ़ी, चिप्स के रैपर्स या कचरा डस्टबिन में डालो .स्कूल में भी ये ही सिखाया कि रैपर्स डस्टबिन में डालो. अब उसकी ये आदत ही बन गयी है कि वह रैपर्स को इधर -उधर नहीं डालती बल्कि डस्टबिन में ही डालती है .कुछ दिनों पूर्व हम मेरे पति के कुछ दोस्तों के साथ घूमने गए .सभी के परिवार के सदस्य साथ थे .वहाँ बच्चो को चिप्स दिए गए .सभी घूमते – घूमते चिप्स खा रहे थे .मेरी बेटी के चिप्स खत्म हो गए तो भी वह हाथ में रैपर ले के साथ चल रही थी .अचानक किसी बच्चे ने उसके हाथ से रैपर छीन लिया और उसे चिढ़ाने लगा जिससे सभी का धयान उनकी ओर चला गया .जब उस बच्चें ने देखा कि रैपर तो खाली है तो उसने वह रैपर वही फेक दिया .मेरी बेटी ने वह रैपर उठा लिया ओर मुझे दे कर बोली कि डस्टबिन में डाल देना.मैंने रैपर अपने बैग में रख लिया मुझे नहीं पता कि पति और उनके मित्रो के बीच क्या बात हुई .शायद किसी ने इस बात का मजाक भी बनाया .पति भी थोड़े अपसेट थे कि एक रैपर ही तो था पड़ा रहने देते वहीं क्या फर्क पड़ता .पर मेरा तर्क था कि यदि मैं उसे वहीं डाल देती तो मेरी बेटी घर पर भी रैपर्स ऐसे ही फेक देगी. इसलिए वहां नहीं फेका जा सकता था .सच कहूँ तो मेरे में में भी वहाँ सफाई रखने का ख्याल नहीं था.पर जब शाम को सभी लौटने लगे तो मेरे पति के बॉस ने मेरी बेटी को एक तोहफा दिया और कहा कि यदि सभी उसके जैसे सोचे तो सभी जगह सफाई बनी रह सकेगी.
इस घटना ने न केवल बेटी को बल्कि मुझे भी प्रेरित किया कि हमें बाहर भी सफाई रखनी चाहिए. और यदि हम बच्चों को यही सिखाये की कचरा हमेशा कछेदन में डालो तो वास्तव में सफाई बनी रह सकती है

.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh